यूपी बोर्ड परीक्षा: यूपी बोर्ड सचिव बोले- मूल्यांकन में नरमी बरतें, पूरी कॉपी को जरूर पढ़ें शिक्षक
यूपी बोर्ड के सचिव ने प्रदेश के सभी जिलों के प्रधानाचार्यों विषय-विशेषज्ञों और डीआईओ से संवाद में मूल्यांकन को लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही परीक्षार्थियों के हित में अभी से निर्णय लेने की बात कही है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच यह कोशिश होनी चाहिए कि, मूल्यांकन के दौरान परीक्षार्थियों के साथ नरमी रखें। हिंदी का विशेष ध्यान रखते हुए, अगर परीक्षार्थी ने वर्तनी की कोई गलती नहीं की तो उसे अंक दें। पिछले वर्ष हिंदी में फेल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। इसलिए इस सत्र में सावधानी के साथ मूल्यांकन करें। यूूपी बोर्ड सचिव डॉ.दिव्यकांत शुक्ला ने यह चर्चा की, प्रदेश के हर जिले के प्रधानाचार्यों, विषय-विशेषज्ञों व डीआईएक्स से की।
दरअसल, कुछ दिनों पहले यूपी बोर्ड परीक्षा की स्कीम जारी हो गई थी। आठ मई से परीक्षाएं शुरू हुई थीं। हालांकि अचानक से कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ा और परीक्षाएँ टाल दी गईं। अब परीक्षाएं 20 मई के बाद होगी। यदि परीक्षाएँ होंगी तो मूल्यांकन भी होगा। कोरोन महामारी की इस दूसरी लहर में मूल्यांकन के दौरान परीक्षार्थियों के हित में काफी हद तक निर्णय लेने की हिदायत शिक्षकों को अभी से दी गई है।
पूरी कॉपी
यूपी बोर्ड सचिव के साथ रेटेड को लेकर हुए अनधिकृत में शामिल हुए चाचा नेहरू इंटर कॉलेज गोविंद नगर के प्रधानाचार्य डॉ.अनवेश सिंह ने बताया कि इस सत्र में मूल्यांकन के दौरान यह भी जानकारी दी गई, परीक्षार्थी की पूरी कॉपी को पढ़ना है। ऐसा न हो, कि पहले पृष्ठ पर ही भद्दा लेखन देखकर उसे शून्य अंक दे दिए जाएं। उन्होंने कहा, कि इस सत्र के मूल्यांकन में परीक्षकों को बहुत अधिक सावधानी के साथ कॉपियां जांचनी होंगी और परीक्षार्थी के प्रति नरम व्यवहार रखते हुए मूल्यांकन कार्य करना होगा।
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